Thursday, August 14, 2014

स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ

कहने को तो हम १५ अगस्त १९४७ को आजाद हो चुके हैं | हम बड़े धूम धाम से ये दिन मानते हैं इस दिन हम सभी देशभक्त वीर सुपुतों को याद करते हैं |
कहते हैं जिस शक्तिशाली साम्राज्य का सूरज कभी नही डूबता था वो निहत्थे भारतीयों के सामने झुक गये और १५ अगस्त १९५७ के दिन गुलामी की काली  रात समाप्त हुई और हमें आजादी मिली |
सुभाषचंद्र बोस, भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद ने क्रांति की आग फैलाई और अपने प्राणों की आहुति दी। तत्पश्चात सरदार वल्लभभाई पटेल, गांधीजी, सत्य, अहिंसा और बिना हथियारों की लड़ाई लड़ी | सत्याग्रह आंदोलन किए, लाठियां खाईं, कई बार जेल गए और अंग्रेजों को हमारा देश छोड़कर जाने पर मजबूर कर दिया | इस दिन इन सब को हम श्रद्धांजलि देते हैं, इनका आभार प्रकट करते हैं और अपने कर्तव्यों से इति श्री कर लेते हैं फिर वर्ष भर इनकी मूर्तियों पर कौवे बैठें या चील हमें क्या ? पर जिस भारत के लिए इन्होंने अपने प्राणों की बाजी लगायी क्या हम वो भारत उन्हें दे पाए हैं ?
आज जिस कदर देश में भ्रष्टाचार फैला है, अपने ही अपने देश को लूट कर अपनी तिजोरियां भरने में लगे हैं, विदेशी बैंकों में उनके खजाने भरते जा रहे हैं, गरीब और गरीब और अमीर और अमीर होता जा रहा है | अमीरी-गरीबी की खायी बढ़ती ही जा रही है, क्या इसे कभी पाटा जा सकता है ? स्त्रियों की सुरक्षा हो या कन्या भ्रूण हत्या या आये दिन उन पर अनेकों तरह से किये जा रहे जुल्मों को आज तक खत्म किया जा सका है ? अंग्रेज तो विदेशी थे, पराये थे इस लिए हम पर जुल्म करते थे आज तो हम आजाद हैं और सब अपने, फिर ये जुल्म क्यूँ ? स्त्रियों पर इतने अत्याचार होते हैं, उनकी हत्या से ले कर बलात्कार तक पर जिन्हें अपराधियों को दण्ड दिलाना है वही लीपा पोती कर उन्हें बचा ले जाते हैं | यही आजादी है ?
 आये दिन साम्प्रदायिक दंगे-फसाद....इससे राजनेताओं को तो लाभ होता है पर आम जनता सजा भुगतती है | इसका जिम्मेदार कौन हैं ? और भी बहुत सी समस्याएं हैं किस-किस का जिक्र करूँ |

युवक देश की रीढ़ की हड्डी के समान है | उन्हें देश का गौरव बनाए रखने के लिए तथा इसे संपन्न एवं शक्तिशाली बनाने में अपना योगदान देना चाहिए | राष्ट्र की उन्नति के लिए यह आवश्यक है कि वो सांप्रदायिकता के विष से सर्वथा दूर रहें |
घूस, जमाखोरी, कालाबाजारी को देश से समाप्त करें | भारत के नागरिक होने के नाते स्वतंत्रता का न तो स्वयं दुरुपयोग करें और न दूसरों को करने दें| एकता की भावना से रहें और अलगाव, आंतरिक कलह से बचें |
हमारे लिए स्वतंत्रता दिवस का बड़ा महत्व है | हमें अच्‍छे कार्य करना है और देश को आगे बढ़ाना है |
दुःख की बात है कि इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी भरत अपने सपने को साकार नही कर सका है इसका कारण वैयक्तिक स्वार्थ कहा जा सकता है या दलबंदी भी एक कारण हो सकता है | एक बात और सरकार के साथ नागरिकों को भी देश के प्रति अपने कर्तव्यों को याद रखना होगा |


आईये ये संकल्प लें कि जिन शहीदों के प्रति श्रद्धा से मस्तक अपने आप ही झुक जाता है जिन्होंने स्वतंत्रता के यज्ञ में अपने प्राणों की आहु‍ति दे कर हमें स्वतंत्रता दिलाई हम उस स्वतंत्रता की रक्षा करेंगे | देश का नाम विश्व में रोशन हो, ऐसा कार्य करेंगें, देश की प्रगति के साधक बनेगें न‍ कि बाधक |
अमर शहीदों को नमन
जय हिन्द
||सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ||

मीना पाठक

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